कभी परिवार की इज्ज़त
कभी लोगों का डर
यही चारदीवारी है एक बेटी के सपनों के दमन का...-
# Sakshi Singh
#shairilover💟
काश में भी कुछ अनकहे अहसास है.....�... read more
किसी में खो जाना...
प्रेम है...
फिर खुद को खो देना...
उस प्रेम का परिणाम...
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स्तब्ध सी मैं एक आस ढूंढ रही थी...
किसी पराए में ...
अपनेपन वाला अहसास ढूंढ रही थी...-
जिसकी चाहत में मरना था हमें...
अब उनके लिए हम मरते है...
वो दूर हुए है हमसे जो...
हम अब भी इश्क उन्ही से करते है...
सुना था, वक्त जख्मों को भरता है...
पर ये जख्म कैसा है??
जिसको भरने से डर लगता है...-
जो कभी तुम्हारा था ही नहीं...
उसे खुद की हकीकत मान के चाहना...
ही सच्चा प्रेम है..❣️-
इश्क कितना है मुझे तुमसे...
ये मुझे तुम्हें बताने की जरूरत नही है...
चाहत कितनी है हमें तुम्हारी...
ये हमें जताने की जरूरत नही है...❣️-
हमारी नाराज़गी भी तुम्हें बहुत सताएगी...
आज बस वक्त वक्त की बहस है न...
कल वक्त होने पर...
शायद हमारी कमी तुम्हे बहुत रुलाएगी...-
मोहब्बत है आपकी नाराज़गी से भी हमें
आपको मानने का मज़ा ही कुछ और है...❤️-