Shailendra Parashar   (SP)
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Joined 10 September 2017


Joined 10 September 2017
24 DEC 2023 AT 13:31

Kahne ko wo na kah kar v mana kar skti thi…
Ki.. kahne koo woo na kah kar v mana kr sakti thi…

Par usne kisi or ko han kah kar na kahna jyada munasib smjhaa… ..

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30 NOV 2022 AT 16:18

Bichde the kbse muddaten ho gyi ..
N mile jaane kabse muddaten ho gyi…

Yaad aati h baten sari,
Wo ladna jhagna mulakaten pyaari,…

Wo meethi theeki si jhunjhlahat tumhari…
Wo phli baar phni hui laal wali saari…

Wo ruthna manana wo adayen tumhari…
Kaano k jhumke or gol chhoti wali bindi tumhari…

Aaj aaya h yaad to bas nam aakhen ho gayi…
N jaane mile the kab muddaten ho gayii

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27 SEP 2022 AT 16:42

नहि चाहता कि अब बात हो,
नहि चाहता कि यादों भरी फिर से कोई रात हो ।

नहि चाहता कि अब कभी भी हम साथ हो,
नहि चाहता कि अब तेरा नाम मेरे नाम के पास हो ॥

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18 AUG 2022 AT 13:59

कुछ ख़्वाब मीठे, ओर यादें कड़वी,
छोड़ मुझे तुम चले गये ।
पीछे मुड़ के देखो तो क्या हाल मेरा ये कर गए ॥

तोड़ के सारे वादे क़समें, किसी ओर राह पर निकल गए
दीवाना, पागल, बेचारा देखो न नाम मेरे कितने पड़ गए ॥

वो पायल छल्ले और ख़त सारे. रक्खे हैं अभी या सड़ गए??
क्या सोचा तुमने ये भी कभी हम ज़िंदा है या मर गए ॥

हाँ सच है ये की झखम मेरे सारे के सारे भर गए,
पर जब भी आय ख़्वाब में तुम, नैना आंसू से भर गए ॥

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24 APR 2022 AT 17:51

लिखना चाहता हूँ फिर भी लिख नहीं पा रहा हूँ,
लगता है गिरफ़्त से तेरी आज़ाद हो चुका हूँ॥

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27 MAR 2022 AT 1:56

ग़म भुलाने को तेरा हम काइयों से मिले,
पर ग़म ये हमारे फिर भी ना सिले,,
मरहम तो लगाना चाहा ग़ैरों ने बहुत..
पर कमबख़्त झख़्म तेरे कभी ना भरे ।।

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31 JAN 2022 AT 11:04

यूँ अक्सर बैठे रातों मैं मन मैं ख्याल ऐक आता है,
क्या दिल उसका तुमको अब भी उसके करीव ही पाता है?

क्या भूल गयी होगी सब कुछ, या मन मैं उसके भी आता है,
और सोच के बारे मै तुम्हारे मन उसका भी घबराता है?

देख उसी सी बात कहीं मन खिल तो तुम्हारा जता है,
पर किसी बात पर उसक़े दिल मे क्या नाम तुम्हारा आता है?

अंतिम पंक्ति है… ध्यान से पड़िएगा॥॥

क्यूँ सोचता रहता है बंदे ये खेल समय का आता है…
जो साथ रहेगा जब उसके.. वो उसके मन को भाता है॥॥

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30 JUL 2021 AT 23:16

हाँ माना जनाब कि ज़िंदगी बड़ी अच्छी चल रही है,
पर सच तो ये है की कमी उसकी आज भी खल रही है !!

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7 APR 2021 AT 17:10

मशवरा सबने उसे दूर होने का दिया मुझसे...

मेरी बदकिश्मती देखो कि वो मान भी गयी ।।

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7 MAR 2021 AT 22:50

कुछ टूट गया है मुझमें.. जो मैं मैं नहि रह पता हूँ..

पहले की तरह अब मैं हंस भी नहि पाता हूं..

रुक जाता हूँ चलते चलते... अब इठला कर चल न पाता हूँ...

हँसना तो दूर है.. अब मैं रो भी नहि पाता हूँ...

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