पढ़ न सके तुम , क्यों पढ़ने न देते हो बच्चो को ।क्यों बेच रहे हो तुम उनके सपने , किसी दारू के ठेकों को । -
पढ़ न सके तुम , क्यों पढ़ने न देते हो बच्चो को ।क्यों बेच रहे हो तुम उनके सपने , किसी दारू के ठेकों को ।
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