न जानें कितने ही शायर हो गए है शहर में मेरे आजकल ,ए मोहब्बत जरा ये तो बता की कितनो को दगा दिया है तूने । -
न जानें कितने ही शायर हो गए है शहर में मेरे आजकल ,ए मोहब्बत जरा ये तो बता की कितनो को दगा दिया है तूने ।
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