16 DEC 2017 AT 18:23

कुछ और लिखूं अब तेरे बारे में "शब्द" "अल्फाज़" "कहानियां" यह बात लिखूं ,कुछ और लिखूं तेरे बारे में "सुबह" लिखूं "शाम" लिखूं इन दो पहरों के बीच ठहरी हुई खामोशी लिखूं ,कुछ और लिखूं तेरे बारे में जो होती बिन शब्दों के बात तुम्हारी उन बातों को लिखूं, अब और तेरी खामोशी लिखूं कुछ और लिखूं तेरे बारे में....

- अनकहा~