25 FEB 2018 AT 18:28

कह भी दो दिल की कसक,
अश्को मे मत बहने दो
यू चुप -चूप से रह कर ,
खामोशी मत बढ़ने दो ।।

शायद कल अवसर ही ना मिले
कुछ भी तुमको कहने को।
हो जाने दो आवारा दिल को
लफ्जो मे सब कहने दो।।

कल क्या हो जाए,
किसने देखा है ? कल को
झूमो गाओ मस्त रहो
कहाँ है सदियो जीने को।।

ऐसे महफिल न सजे शायद बार बार
ऐसे आलम नही आयेगे हर बार
हर कसक को रखकर झोली मे
समा जाने दो खुद को समाँ के साथ ।।




- S@vit@🌅