Saurabh Singh  
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Do good and Don’t ever stop doing good, even if it is not appreciated at that time..
Joined 25 December 2017


Do good and Don’t ever stop doing good, even if it is not appreciated at that time..
Joined 25 December 2017
9 AUG 2022 AT 6:37

हमारी प्राथमिकताओं की सूची में सबसे नीचे हम अपनी इच्छाओं, अपने सपनों को रख देते है। रिश्ते, ज़िम्मेदारी, प्यार, ज़रूरत सब को पूरा करते - करते हम ये भूल जाते है एक बात वो भी थी जो हमने खुद से कही थी। पर परिस्थितियों को ढाल बनाकर हमने अपने आप से कह दिया है की शायद क़िस्मत में नही है, या हमारी प्राथमिकता अब कुछ और है। यह स्वीकार कर लेना की हम अपने सपनों के बिना भी जी लेंगे हमारा अपने प्रति लगाव ख़त्म कर देता है। क्योंकि अगर हम खुद से किए वादे, खुद की बात को ही ना रख पाए तो हम संतुष्ट नही हो सकते और जब हम संतुष्ट नही, तो कोई और हमसे संतुष्ट कैसे होगा? हा ये करना आसन नही होगा, पर अपने लिए सोचना हर बार स्वार्थी होना नही होता जब तक हम अपने लिए किसी और का बुरा ना सोच रहे हो। अपने लिए, अपने सपनों के लिए, लड़ना भी हमारी ज़िम्मेदारी है और हमारी प्राथमिकता भी।

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1 JAN 2022 AT 0:12

May 2022 be the best year of your life. May you find success, happiness and everything your heart desires. Wishing you and your loved ones a very happy new year.

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26 DEC 2021 AT 11:34

कितने मासूम है ना हम लोग पहले खुद हदें बनाते हैं अपने लिए, ये नही करना, वो नही करना, ये सही, वो ग़लत..
लेकिन जब कर लेते हैं तो बस वो ही अच्छा लगता है..
प्यार, आदतें, शौंक, ज़रूरतें, लोग, बातें.
सब में हदें तोड़ देते हैं.
हम मासूम लोग.

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25 DEC 2021 AT 8:23

I hope the magic of Christmas fills every corner of your heart and home with joy now always

Marry Christmas

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7 NOV 2021 AT 0:00

जन्मदिन के ये ख़ास लम्हें मुबारक,
आँखों मे बसे नए ख़्वाब मुबारक।

जिंदगी जो लेकर आई है आपके लिए आज,
वो तमाम खुशियों की हसी सौगात मुबारक।।

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13 NOV 2020 AT 15:58

ये शीशे, ये सपने, ये रिश्ते, ये धागे,
किसे क्या ख़बर है, कहां टूट जाये!

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25 OCT 2020 AT 10:27

हाँ,अब मैं भी बदल गया हूँ,
कुछ जिद्दी,कुछ फरेबी
और पथर दिल भी हो गया हूँ,
जिंदगी अब मैं भी तेरे जैसा हो गया हूँ।

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10 AUG 2020 AT 10:01

जो हमारे दर्द न समझ सके वो अपना कैसा,
जो अपने नही उनसे शिकवा शिकायत कैसा।

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16 JUN 2020 AT 22:35

पूछा न जिंदगी में किसी ने दिल का हाल...
अब शहर भर में जिक्र मेरी खुदकुशी का है !

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30 APR 2020 AT 17:41

जाने का सिलसिला सा लग गया
चिताओं में धुआँ सा लग गया
सितारे रूखसत क्यूँ हो रहे हैं
तीर कोई हमपर नज़र सा लग गया
रिशि साहब ...🙏🏻

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