saumya pandey   (saumya)
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still exploring myself

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मुझसे मेरा परिचय कराइए महादेव🙏
Joined 21 February 2020


still exploring myself

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मुझसे मेरा परिचय कराइए महादेव🙏
Joined 21 February 2020
24 APR AT 23:46

कहो मुझे आज क्या दोगे
क्या आज अपना वक्त दोगे
मैं बिगड़ी नहीं
मुझे बिगाड़ा गया है
मुझे मेरे ख्वाबों से दबाया गया है
कहते हैं सबकुछ तो है तुम्हारे लिए
वो अलग बात है कुछ छुपाया गया है
मैं यकीन कर लूंगी तुम्हारी उन बातों का भी
असल क्या है
क्या कभी कह सकोगे
तुम औरों से नहीं
कुछ कहते हो और करते हो
मगर मैं कहां हूं क्या मुझे बता सकोगे
दर्द बहुत होता है कुछ अप्रिय कहने और सुनने में
सच है क्या यहां क्या उसे सुन सकोगे
मैं भटकती रही खुद की खोज में
कल मिली जो तो कुछ बदली लगी
जो पूछा तो पता चला वो कोई और थी
ये कुछ अलग कुछ लाचार सी है
बदल देते हैं अपनी कहानियां लोग प्यार में
तुम बस मुझे क्या मुझसे मिला सकोगे
तुम बस मुझे क्या मुझसे मिला सकोगे

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24 JAN AT 20:22

पुरूषों में ये गुरूर रहा है
जीवनसाथी उन्हें जरा कमतर मिला है

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1 MAY 2024 AT 12:12

एक रोज सोए क्या
उठे ही नहीं

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4 APR 2023 AT 12:39

सवाल तो है
मगर जवाब सुनने की हिम्मत नहीं

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6 MAR 2023 AT 20:26

सुनो! अभी शुरू हुआ है
ये दूर तलक जाएगा
बातें हो अनकही चाहें
पर सार समझ सब आएगा
जो ठान लिया काटों का पथ
तो मुड़ जाना संभव नहीं
हार से ही हारकर
मैं रुकूं, मुमकिन नहीं

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10 FEB 2023 AT 19:10

कुछ कहना है,
मगर न कहूं तो ही सही है

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16 DEC 2022 AT 13:15

आप जो हैं,
वही तो हूं मैं

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23 NOV 2022 AT 12:43

सुना है तुम हार गई
वो भी खुद से

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21 SEP 2022 AT 13:10

सबकुछ सही है ये बताना पड़ता है
यहाँ प्यार बहुत है ये जताना पड़ता है

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18 SEP 2022 AT 23:12

हम लाख खूबियां अपने पास रखें लेकिन बस एक आदत उन सारी खूबियों को नष्ट कर सकती है और वह है हमारी तुलना करने की आदत। खुद को बेहतर शाबित करने में अक्सर हम सामने वाले को नीचा दिखा देते हैं जबकि ऐसा करना शायद हमारी नीयत में नहीं होता। जाने- अनजाने की जाने वाली यह गलती हमें दूसरों के समक्ष बढ़ा या अच्छा बनाने की जगह न केवल तुच्छ सोच वाला बना देती है बल्कि उन सारी खूबियों को भी मिट्टी में मिला देती है जो असल में हमारे अंदर हमारे मेहनत की कमाई होती है।
कोई भी व्यक्ति किसी भी कार्य में अपना बेहतर ही करने की कोशिश करता है, ऐसे में किसी से की गई तुलना से वह खुद को कमतर समझने लगता है और अपनी योग्यता और उपलब्धि का गलत आकलन करता है और खुद को समाज के सामने स्थापित करने से डरता है। किसी की स्थिति का मजाक बनाना निश्चित ही घोर अपराध है। हमें सबकी स्थिति-परिस्थिति का सम्मान करना चाहिए तथा व्यर्थ की इस तुलना से बचना चाहिए।

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