घुट रहे थे वो हमारी धड़कनों मेंकर दिया आज़ाद ख़ुद ही दिल तोड़कर - सौभाग्य द्विवेदी
घुट रहे थे वो हमारी धड़कनों मेंकर दिया आज़ाद ख़ुद ही दिल तोड़कर
- सौभाग्य द्विवेदी