17 SEP 2017 AT 23:02

मेरे सपनो कि चाबी कहाँ से मिली तुम्हे?
जो वहाँ भी हाजिरी लगा गए तुम!

लाखों कोशिशें कि तुम्हे भुलाने की...
लेकिन सब हुए नाकामयाब

क्या सच मे जोरा है इतना गहरा रिश्ता तुने मुझसे?

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