ये जो दर्द आज इश्क की गवाह बनी है ,तो अधूरे ख्वाबों ने पूरे पन्ऩों पे पनाह ली है । - Kavi Satyam Kumar
ये जो दर्द आज इश्क की गवाह बनी है ,तो अधूरे ख्वाबों ने पूरे पन्ऩों पे पनाह ली है ।
- Kavi Satyam Kumar