नाकामयाब लोगो के पास ना कोई महबूब होती है,ना कोई मित्र होता है ,ना-ही कोई रिश्तेदार होता है ,उनके पास बस उनकी अपनी खुद की नाकामी होती है । -
नाकामयाब लोगो के पास ना कोई महबूब होती है,ना कोई मित्र होता है ,ना-ही कोई रिश्तेदार होता है ,उनके पास बस उनकी अपनी खुद की नाकामी होती है ।
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एक सच जो मुझको मालूम है ,एक झूठ जो वो मुझसे कहती रहती है,बस यही एक बात मुझको खाये जा रही है। -
एक सच जो मुझको मालूम है ,एक झूठ जो वो मुझसे कहती रहती है,बस यही एक बात मुझको खाये जा रही है।
उसकी शादी हो गयी है ,मुझे नौकरी मिल गयी है ,काश, मुझे नौकरी मिल जाती, हमारी शादी हो जाती ! -
उसकी शादी हो गयी है ,मुझे नौकरी मिल गयी है ,काश, मुझे नौकरी मिल जाती, हमारी शादी हो जाती !
कुछ नाराज़ हो गये ,कुछ खिलाफ़ हो गये ,कुछ चालक हो गये, जो कुछ बचे थे ,वो सब कामयाब हो गये,इस तरह आहिस्ता आहिस्ताजिनके सहारे ज़िन्दगी जीना था ,एक-एक करके ज़िंदगी से गायब हो गये ! -
कुछ नाराज़ हो गये ,कुछ खिलाफ़ हो गये ,कुछ चालक हो गये, जो कुछ बचे थे ,वो सब कामयाब हो गये,इस तरह आहिस्ता आहिस्ताजिनके सहारे ज़िन्दगी जीना था ,एक-एक करके ज़िंदगी से गायब हो गये !
उनकी यादो को पास रखते है,ख्यालों मे अब भी उनको ख़ास रखते है, पर उन्हे आज़ाद होना है मुझसे,सो चलिए अब उनको आज़ाद करते है ! -
उनकी यादो को पास रखते है,ख्यालों मे अब भी उनको ख़ास रखते है, पर उन्हे आज़ाद होना है मुझसे,सो चलिए अब उनको आज़ाद करते है !
हा ,याद था ,पर याद नही किया ! वर्षो पहले ,मैं खो चुका था तुम्हे ,आज तुमने भी मुझे खो दिया ! #25August #Kk -
हा ,याद था ,पर याद नही किया ! वर्षो पहले ,मैं खो चुका था तुम्हे ,आज तुमने भी मुझे खो दिया ! #25August #Kk
उसके साथ होने का असर, कुछ इस कदर होता है ,रिजर्वेशन 2 सीटों पर और सफर 1 सीट पर तय होता है ! -
उसके साथ होने का असर, कुछ इस कदर होता है ,रिजर्वेशन 2 सीटों पर और सफर 1 सीट पर तय होता है !
बेरोजगारी बहुत कुछ छीन लेती है जनाब,आत्मविश्वास ,परिवार, यार, प्यार सबकुछ ! -
बेरोजगारी बहुत कुछ छीन लेती है जनाब,आत्मविश्वास ,परिवार, यार, प्यार सबकुछ !
जो कभी आये ही नही वो ज़िंदगी से अब जा रहे है ,जिनसे कभी मिले ही नही,उनसे अब बिछड़ रहे है ! -
जो कभी आये ही नही वो ज़िंदगी से अब जा रहे है ,जिनसे कभी मिले ही नही,उनसे अब बिछड़ रहे है !
बाहर एक मेला है,अंदर इंसान अकेला है ,एक उम्र के बाद ,साथी सब छुट जाते है,अकेला इंसान अंदर ही अंदर ,टूट जाता है , बिखर जाता है । -
बाहर एक मेला है,अंदर इंसान अकेला है ,एक उम्र के बाद ,साथी सब छुट जाते है,अकेला इंसान अंदर ही अंदर ,टूट जाता है , बिखर जाता है ।