7 MAR 2019 AT 13:17

यहाँ सब मतलब के यार है।
उनके काम आया तो सही।
वरना हम बेकार है।
जब तक सबकुछ है तो सही तो ठीक।
वरना पीठ पीछे छुड़ा घोपने के लिए तैयार है।
कैसे मानलु रिस्ते-नाते साहब।
यहाँ बेटा अपने ही माँ-बाप को
धोखा देता हर बार है।

- Sarif yadav...