ये मान भी लो तुम, कि हम अब एक हो कर रहेंगे,आखिर थोड़ी तसल्ली, अरमानों को भी चाहिए ।। - ©Satty ©रूहानियत
ये मान भी लो तुम, कि हम अब एक हो कर रहेंगे,आखिर थोड़ी तसल्ली, अरमानों को भी चाहिए ।।
- ©Satty ©रूहानियत