Sarthak Tomar   (Sarthak Tomar ~ अनाम)
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Joined 31 December 2017


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23 SEP 2022 AT 18:46

The problem in failing at something slowly is that in midst of it all you start believing you 'might' succeed.

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5 SEP 2022 AT 19:30

लुटे हैं इस क़दर मोहब्बत के बाज़ार में 'अनाम',
काग़ज़ पर भी दिल बना दें तो टूट जाता है।

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23 AUG 2022 AT 18:53

लो मैं हारा और तुम जीते,
ऐ वक़्त तुझे रिश्तों की अहमियत नहीं।

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13 AUG 2022 AT 19:55

ज़िंदगी कपड़ो से लदी चेयर सी हो गयी है,
दिल अपना दर्द दिमाग़ पे डाल देता है,
दिमाग़ अपना बोझ दिल पे।

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14 JUL 2022 AT 22:38

No wonder you sleep more,
No wonder you drink yourself to death,
Who can stand the horrors of life sober and awake.

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2 JUL 2022 AT 19:21


मैं तो अपनी वाली के साथ रोज़ कुछ वक़्त बिताता हूं,
फ़िर वो कुछ घंटो में उतर जाती है,
फ़िर मैं वापिस उसे लबों से लगा कर चढ़ाता हूं I

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14 AUG 2021 AT 23:55

इस ज़िंदगी के उधार की कुछ किश्तें बाकी हैं,
थोड़ा पसीना बहा है,
अभी खून बहाना बाकी है।

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27 APR 2021 AT 2:03

If only people were poems,
Difficult to understand yet
Deeply felt,
If only heartbreaks were whisky,
Burning down the throat yet sloshing the brains,
If only life was like snow,
Beautiful, quiet, pure and yet evanescent.

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22 APR 2021 AT 19:13

मेरी चिता जलाओ,
मुझे चाहे जितना बदनाम करो,
थोड़ा धीरे चिल्लाओ यारों,
मेरे मरीजों को तो परेशां ना करो।

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25 SEP 2020 AT 0:36

कभी मसखरा बन लोगो को हंसाने का शौक था,
फिर गम-ए-ज़िंदगी छिपाने का सफर शुरू हुआ,
कभी हंसने हंसाने का शौक था,
फिर हंसते हंसते आंसू छिपाने का किस्सा शुरू हुआ,
आंसू छिपाए,
होंठो पे मुस्कान चिपकाए,
दिन भर ये हुलिया रख घूमने का शौक था,
फिर शाम ढले चेहरे की दरारे छिपाने का किस्सा शुरू हुआ।

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