तारे कुछ तोड़े थे कल रात फ़लक से,दिन आज का तो रौशन हो गया उनसे। कल के अंधेरों से फिर कल निबटना होगा। - Sarika Saxena
तारे कुछ तोड़े थे कल रात फ़लक से,दिन आज का तो रौशन हो गया उनसे। कल के अंधेरों से फिर कल निबटना होगा।
- Sarika Saxena