गुज़र गया एक और साल हवाओं में इस तरहपलट गया हो किसी किताब का एक सफ़्हा जिस तरह। - Sarika Saxena
गुज़र गया एक और साल हवाओं में इस तरहपलट गया हो किसी किताब का एक सफ़्हा जिस तरह।
- Sarika Saxena