20 JUN 2017 AT 9:11

आँखे जो बरस जायें
किसी और के दुःख में
हाथ जो संभाल लें
किसी गिरते को ठोकर से
दिल जो पिघल जाये
किसी रोते की सिसकी से
जीने को तो सब जीते हैं
पर सिर्फ़ ख़ुद के लिये क्या जीना
इंसान वही सच्चा जो
काम आये इंसानों के

- Sarika Saxena