Sanyam Jain  
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Joined 30 September 2017


Joined 30 September 2017
27 JAN AT 23:41

एक दिन उन्होंने यूँही पूछ लिया क्या कीमत लगाओगे हमारी बाज़ार में,
हमने भी एक ही पल में जवाब दिया, कि कीमत तो क़ाबिल- ऐ- ज़खीरा चीजों की लगती है पर आप तो मेरी जाँ नायाब है।

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5 NOV 2020 AT 1:57

आज मेरी गली में भी चाँद आया था,
देख जिसको दिन का पहला निवाला खाया था।
लंबी उम्र तो कहा बस में थी मेरे,
खुदा से बस उम्र भर का साथ ही मॉंग पाया था।

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14 NOV 2019 AT 10:11

मंदिर के बाहर बैठे गरीब बच्चे से मैंने यूँही पुछ लिया,
क्या कीमत लगी है आजकल भगवान की?
बडी लाचारी से वो नज़र उठा कर बोला,
बीस में एक प्लेट मिल जाता है साहब और तीस में दो!

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4 NOV 2018 AT 10:07

आज भी गर महफ़िल मे तेरा ज़िक्र ना हो,
तो ये नामुमकिन है कि हमको फ़िक्र ना हो।

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8 MAR 2018 AT 23:50

कभी बैठना है साथ तुम्हारे,
अकेले में तस्साली से,
ताकी थोड़ी गुफ्तगू कर सकू मै।
उन लम्हों में थोड़ा सा जी सकू,
और बाद उनके चैन से मर सकू मै।

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10 FEB 2018 AT 19:01

काग़ज़ पे नहीं, दिल में उतरती है ये,
कैमरे से नहीं, नज़रों से खींची तस्वीर है ये।

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6 FEB 2018 AT 23:59

एक बार आ के उलझ जा मुझसे,
शायद थोड़ा सुलझ सा जाऊं मै।

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30 JAN 2018 AT 23:03

साल बदल गए,
पर हाल वही है।

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22 DEC 2017 AT 21:30

Every night I sleep with a regret,
Yet every morning I wake up to take another risk.

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9 DEC 2017 AT 19:54

And instead of becoming a good memory,
You became a bad dream.

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