खास कोई कितना भी हो तेरा जिक्र
अपनी जुबां पर हमने किसी से नही रखा है..
वाकिफ़ नही कोई तेरी मौजूदगी से
हमने तेरे नाम को भी राज़ रखा है..-
धड़कता तो होगा मेरे नाम का
एहसास दिल मे किसी के
आखिर मुझे भी तो खुदा ने
लिखा होगा तकदीर मे किसी के-
चहरे से झूठा कोई नक़ाब नही होता..
गिरगिट कि फितरत तो जाहिर है जमाने मे
लेकिन इंसान के बदलने का कोई वक्त और हिसाब नही होता..-
जिन्दगीभर बेटी का किरदार निभाना यू आसान नही होता
बँधकर रिवाजो मे खुदकी ख्वाहिसे ठुकराना पड़ता है..
किसी अनज़ान का घर साँवरने कि खातिर एक दिन
अपने ही घर को छोड़कर जाना पड़ता है..-
मंजूर है मुझे वक्त का हर फैसला मैने अब ख्वाहिशे करना छोड़ दिया है
गैरो कि बात क्या करते हो मैने अब अपनो पर यकीन करना छोड़ दिया है
रूठने वालो को इज़ाजत है रूठने कि मैने अब किसी को मनाना छोड़ दिया है
तकलीफे और खुशियाँ सारी मुझ तक है मैने अब कुछ भी जताना छोड़ दिया है
चमकते है चहरे जिनके और फिके है किरदार उनसे हाथ क्या मैने अब नज़रे मिलाना छोड़ दिया है
बेशक़ शौक से जाये जिसे जाना है क्यूकि दोस्ती हो या रिश्ते मैने अब लगाम लगाना छोड़ दिया है-
समझने वाले जितने मिले
अफसोस समझ के बगैर मिले..
तलाश थी किसी एक अपने कि
पर अपनो मे भी सिर्फ गैर मिले..-
जहाँ अपनेपन कि गहराईयाँ ज्यादा थी
वही यकिन के मायने टूटे है..
कुछ लोगो से मेरे रिश्ते बहस नही
समझौते करके टूटे है..-
पूँछो न हमसे हमारी पहचान कहाँ तक है..
तुम बस जोर लगाओ हमे तबाह
करने का देखते है तुम्हारी औकात कहाँ तक है..-
वो अकेला शख्स है जिसकी
शख्सियत पर अपने लफ्जो से हमने
कोई गज़ल फरमाई है..
वरना इज़हार तो हज़ारो मिले हमे पर
कभी पहले किसी पर लिखने को हमने
कलम नही उठाई है ..-
एक दिन जरूर हासिल होगा नसीब मे
ये सिर्फ दिल ही दिल मे आश थी,,
वो अब मिल चुका है हमे
जिसकी हमे वर्षो से तलाश थी,,
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