तू कभी भी हमारा हो न पाएगा
तुझसे मिंलना दोबारा हो न पाएगा
हम दोनों एक नदी के दो किनारे हैं
पास दोनों कभी किनारा हो न पाएगा,
हम अकेले ही रह लेंगे ग़मों के सहारे
तू कभी मेरा सहारा हो न पाएगा,
मिल के हम तुझसे कब जुदा हो गए
ये दिल अब कभी तुम्हारा हो न पाएगा,
हाले दिल हम अपना कहेंगे न किसी से
कोई अब हमको तुमसे प्यारा हो न पाएगा...!!!!!
♥️संतोष गुड़िया♥️
- Gudiya