जो थक कर बैठो तो गुनाह,
जो चल दो तो बर्बादी,
गुनाह, बर्बादी, मौत ही तो है....
क्या है, तुम आज रहो बस,
कल की जरूरत नही तुम्हारी...।।-
Writer of thoughts,feelings & emotions
लेखक विचार का अनुभूति का भावना का
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.... दास्तान - ए- ग़म - ए - मोहब्बत.....
(१)
मेरे हर्फ - दर - हर्फ अधूरे हैं,
मेरी ख्वाहिश अधूरी है,
मुकम्मल है तो मेरे ग़म,
मुकम्मल है तो मेरी तन्हाई।।
(२)
मेरे सारे शब्द बिखर गए,
उनके शब्दकोश वीरान हो गए,
आबाद रही तो बस तुम्हारी यादें,
आबाद रही तो बस तुम्हारी बातें।।-
इस सौदे बाज़ी की दुनिया में,
कोई भी उधार मत रखना,
ज़िंदगी को उसका हिसाब देते जाना,
हाँ ,
ज़िंदगी से खुशियाँ खरीद लेना....
जो गम मिले तो खर्च करते जाना ।।
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क्या ही तुम्हारे इश्क़ की माया है,
साँसों की डोर में तुम,
साँसों के टूट जाने पर भी तुम,
बस ऐसा ही मोह हमने भी पाया है ।।
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चाय की 'घूंट' का सुकून,
साथ एक 'त्रिकों' का ज़िक्र,
'मिठास' सी तुम्हारी यादें,
'नमकीन' सा इश्क़ हमारा,
थोड़ा मगर बेहद जरूरी...
जो अगर अधूरा तो बेहद फीका ।।
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तकदीरों की कहानी हुई एक....
आज सब मिला भी,
आज फिर से जुदा हुआ,
आज फिर वो समय हुआ,
आज फिर सब फना हुआ ।।-
तुम्हारे यादों को समेटने का काम करता हूँ,
हाँ मैं अब रोजगार वाला हो गया हूँ ।
कुछ इस तरह से मजदूरी करता हूँ...
वेतन में आंसू भी कमा लेता हूँ,
और
जिंदगी का गुज़ारा हो जाता है ।।
-
तुमने पूछा था कभी मुझसे की...
मै तुम्हारे बारे में क्या क्या याद रखूँगा...
आज मंजर कुछ यूँ है की,
तुम्हारे कमरे का, तुम्हारे आशियाने का,
तुम्हारे गलियों का,
हर एक बारीकियाँ याद हैं...
हाँ,
वो दिन, वो रात, वो शाम-ओ-सहर
और तुम, सब याद है ।-
तुम्हे जब अर्सों बाद देखा,
वही जिसमें अंगार...
वही रूहानी नूर देखा,
देखा...
वो खिलखिलता सा यौवन तुम्हारा,
जिसपे मदहोश होता दिल हमारा,
हाँ...
वही चाहत हुई फिरसे...
तुम्हे पाने की ख्वाहिश हुई फिरसे,
फिरसे...
आज परवाने को जलने कि तमन्ना हुई है,
जब अर्सों बाद मुलाकात हुई है ।।-
A rift made a place in between,
No one dare to resolve.
Again the wheel of time turned,
And all got lost in ashes.
Hence, the bond broke in between,
All hail... Now...
The darkness in the heart won.-