उनसे शायद फिर मिलेंगे, हाँ- कहीं तो, हाँ- कभी तो, मन की सब बातें कहेंगे, हाँ- कहीं तो, हाँ- कभी तो। पर ना जाने क्या रहेगा ज़िंदगी का मोल तब तक, हाँ मगर किससे रहेंगे, हाँ- कहीं तो, हाँ- कभी तो।
नये स्वप्न देखो, नवआयाम खोजो, नये साल में कुछ नया आज खोजो। तुम्हें अपने सारे नवाचार जय हो , पुरानी हरेक अपनी मायूसी छोड़ो । सितारों के आगे बहुत आसमाँ हैं, तुम अपने लिए एक आकाश खोजो।
नये साल की नवप्रभा हो मुबारक। स्वयं के नयेपन को फिर आज खोजो।