24 FEB 2018 AT 0:36

तुम तो चले गए, तुम्हारी यादें नहीं। तुम तो बोल गए, तुम्हारी नज़्में नहीं। तुम तो रुक गए, तुम्हारी बातें नहीं। तुम तो थक गए, तुम्हारी शिकायतें नहीं। तुम तो शहर गए, तुम्हारी शख्सियतें नहीं। तुम तो ठहर गए, तुम्हारी नसीहतें नहीं। तुम तो मुड़ गए, तुम्हारी मुलाक़ातें नहीं। तुम तो छोड़ गए, तुम्हारी मोहब्बतें नहीं।

- Dr.Sanjana Heda 'Sana'