अपने वक़्त पे इतरा के इस क़दर ना उड़िये जनाब वक़्त के पहिये से लिपट हवाओं के रुख मुड़ जाया करते हैं - $खामोश📝Diary$
अपने वक़्त पे इतरा के इस क़दर ना उड़िये जनाब वक़्त के पहिये से लिपट हवाओं के रुख मुड़ जाया करते हैं
- $खामोश📝Diary$