करता हूं जब याद उन्हें,
तो वो बीते हुए वक़्त भी याद आते हैैं।
चलती हैं तस्वीरें किसी फ़िल्म की तरह,
पल भर में नज़रों के सामने से कई लम्हें गुज़र जाते हैं।
यूं तो छिपे हैं कुछ पल आंखों में
और कुछ वक़्त में समाए हैं,
ढूंढता मगर जब भी हूं शिद्दत से,
कभी मौसिकि तो कभी ख़ुशबू बन के बिखर जाते हैैं।
- Sandeep Kumar