अपने दिलों में मेरी इक फरियाद रखो,
रूह में मिट्टी की खुशबू को आबाद रखो,
मैं भारत हूं- मुझे याद रखो |
नेताजी-अंबेडकर-गांधी-नेहरू, कस्तूरबा-आज़ाद-भगत सरोजिनी,
सभी को जोर के एक साथ रखो,
मैं हर 'तुम' में हूं- तुम सब में हूं इससे इत्तेफ़ाक़ रखो,
मैं भारत हूं- मुझे याद रखो|
कई रस उतरे हैं मुझमें, कई शहीद दफन हुए,
उनकी कुर्बानी की इज़्ज़त करने का मिज़ाज रखो, दिखाओ दिलेरी समझ की-भाषा सब सीखो बोलो, मगर निसंकोच 'हिंदी' को अपना ताज रखो,
मैं भारत हूं- मुझे याद रखो|
हर रंग-रूप-मज़हब, सब इस तिरंगे की आंचल में हैं, छाती पर गौरव और माथे पर इंकलाब रखो,
दुआ करो-संसार बड़ी ऊंचाई की ओर बढे़,
मगर सबसे ऊंचा देश हमारा रहे ये ख़्वाब रखो,
मैं भारत- हूं मुझे याद रखो||
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