तुम में ना सूरत है ...ना सीरत है.... बस घमंड से ही भरे हो। बस यूं समझ लो ... ये मेरी शराफ़त है ...जो तुम, अब भी अपने पैरों पर खड़े हो।। - sandeep kumar
तुम में ना सूरत है ...ना सीरत है.... बस घमंड से ही भरे हो। बस यूं समझ लो ... ये मेरी शराफ़त है ...जो तुम, अब भी अपने पैरों पर खड़े हो।।
- sandeep kumar