21 AUG 2017 AT 0:35

तुम में ना सूरत है ...ना सीरत है....

बस घमंड से ही भरे हो।

बस यूं समझ लो ...

ये मेरी शराफ़त है ...जो तुम,

अब भी अपने पैरों पर खड़े हो।।

- sandeep kumar