Sandeep Gaur  
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Joined 15 January 2018


Joined 15 January 2018
22 MAY 2020 AT 21:18

Baaton hi baaton wo baat ho gyi
Din itne ache the Na Jane kab raat ho gyi
Khud se hui jab baatain jane anjane me
Tab jakr pta chla ki ek ajnabi se gehri mulaqat ho gyi ...

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29 MAR 2020 AT 11:43

बेनाम रिस्ता ....
वो काल्पनिक दुनिया जिसके सपने आज भी सजाये बैठे है इस कदर कि जिसकी न तो कोई राह है और न ही है कोई ठिकाना ।।
सफल हुए तो वाह-वाहियों अम्बर सा लग जायेगा और अगर कही मिल गयी असफलता तो दुनिया मे शर्मनाक भरी जिंदगी जीने पर मजबूर कर देगा ।।
फिर क्या फायदा ऐसे रिस्ते को निभाने का .....

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29 MAR 2020 AT 11:38

माना थोड़ा नटखट सी है लेकिन खिलखिलाहट की भी एक अदा है ...
लेना हो जब मजे किसी के तो ना दिखाती कोई परवाह है ...
अकड़ू सी है थोड़ी मतलबी सी है फिर भी क्या करे चार दीवारों में खड़ी सी है
मानना है उसका, की जी ली है जिंदगी उसने
पर क्या पता उसे कि जिंदगी कहते किसे है ।।
हरना है, मानना है, बना सी ली है आदत उसने ।
जल्दी होकर गुस्सा, नाराज़गी सी बढ़ ली उसने ।।
नटखट है नादान है नासमझ सी है उसमें ।
फिर भी कुछ-न-कुछ तो baat सी है उसमें ।।
😂😂😍😂😂

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7 JUL 2019 AT 19:38

यादें ही तो है जिन्हें याद कर 1 पल के लिए ही सही मुस्कुराहट तो आ जाती है ....
वरना अस्त-व्यस्त जिंदगी ने हमे हँसना तो दूर मुस्कुराना भी भूला दिया था ....

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26 NOV 2018 AT 23:12

यादों की उन बरसातों में वो हल्की सी खिलकारीवां भी दफ़न सी होती चली गयी क्योंकि शायद कही न कही उसकी जिंदगी में हमारी नमौजदगी ही मुनासिब है ।।
फ़क्र यही सोच भर आती है आंखे अक्सर
वो कैसे बिछड़ कर मुझसे रोई नही अभी तक ।।
मेरा दिल से वो हमनसी गया नही अभी तक के
तदफीन में ताखीर मैं मरा नही अभी तक ।।
बड़ा मुश्किल होता है खुद को समझना कि वापस लौट कर उसकी जिंदगी में न है जाना ।।
अंत में बस कुछ अल्फाज ही तो है जो निछावर है दिलो-जान से ---
के आये कोई या जाये कोई छोड़ कर मुझे सदमा नही होता इश्क़ मजहब नही है मेरी जान इश्क़ का कोई कलमा नही होता ।।

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6 AUG 2018 AT 12:34

क्यों याद आ रहे हो तुम, बेशक़ दूर हो फिर भी पास आ रहे हो तुम ...
नही चाहता करु याद मैं तुम्हे ...
याद है मुझे वो पल जिन भरी निगाहों से तुमने मुझे देखा था बस वही से मुझे कुछ कुछ होने लगा था ...
याद है मुझे वो लम्हा भी जब आखिरी बार तुमको देखा था बस फर्क इतना था की तुमने जाते वक्त मुड़ कर न देखा था
तुमसे लड़ने का एक अलग ही जुनून था साधारण सी जिंदगी में कहा छुपा वो सुकून था ...
उन यादों की गहराईयों का बस एक लम्हा सा बन कर रह गया है जिनसे बस अब रिहाई चाहता हूँ ...
बस अब वापस अपनी जिंदगी में लौट जाना चाहता हूँ ।।।

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16 JUN 2018 AT 0:45

ये जिंदगी भी कितनी अजीब है
न तो शुकून है
और न ही दिखती कोई राह है ...
फिर भी ...

सुना है जिनके पास शुकून होता है उनके पास वक़्त नही होता
शायद इसीलिए आज भी लोगो के साथ वक़्त बाट रहा हूँ मै ...

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11 MAY 2018 AT 2:17

Haseen Thi Ghadiyan , Haseen The Lamhe
Har Wo Lamha Un Lamho Se Judkar Reh Gya
Wo Waqt Si Badalti Chali Gyi
Or Mai Lamho Sa Gujarta Chla Gya

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25 FEB 2018 AT 2:00

बहते आशिकों की जुबान नहीं होती ...
लफ़्ज़ों में मोहब्बत बयां नही होती ...
मिली हैं दोस्ती इसे निभाना है ...
किस्मत यू हमेशा मेहरबान नही होती .....

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15 FEB 2018 AT 14:19

na jane kaisi galti ho gyi jane anjane me ,
baat krte to suljha lete us masale ko ,
unko bhi talash thi aisi hi kuch baaton ka ,
shayad tabhi badha li thi dooriyaan mujhse ,
or unki khamoshi ne bhi mujhe majboor kr diya ,
Wo sath bitaye hue do pal bhool jane ko ...

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