7 JUL 2018 AT 5:16

कुछ रिश्ते हैं
जो मैंने बस यूँही बनाये हैं
अपने नहीं हैं
लेकिन फिर भी मैंने
बेख़बर से रिश्ते बनाये हैं
कहा था जान पहचान कुछ ज्यादा नहीं हैं
लेकिन कुछ किस्से बेजिजक मैंने उनको सुनाये हैं
बात बात पर बस अपनी ही बात मनवाई है
क्या कुछ है जिंदगी में
हर बात उन्हें बताई है
कोई डर या सवाल नहीं हैं मन में
और ना ही कोई गिला शिकवा उनसे
ना कोई कर्ज़ है और न कोई जुर्माना है
सच पूछो तो हर जज़्बात हिरे की तरह तराशा है
हाँ....
कुछ रिश्ते हैं ऐसे भी
जो मैंने अजनबियों से नहीं
बेख़बरों से बनाये हैं।

- exploresakshi