Saket Sinha   (साकेत सिन्हा)
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Joined 6 March 2017


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30 MAR 2019 AT 23:46

In my story,
If I was Ted I wanted her to be Tracy
But as it's turning out she seems to be Robin.

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24 MAR 2019 AT 22:05

Inside every eighty year old,

There is an eighteen year old,

Thinking what the hell just happened.

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19 MAR 2019 AT 22:46


कल अगर

ये कर दिया होता,
ये केह दिया होता,
वो सुन लिया होता,
वो सुना दिया होता,

तो आज शायद ये लिख नहीं रहा होता।

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1 MAR 2019 AT 13:39

आज समय बड़ा नासाज़ सा है
अंदर से है बड़ा दुःखी

चाहता तो है कि बस रुक जाऊं, थम जाऊं, ठहर जाऊं,
यहीं इसी लम्हे में

पर अपनी हीं चलते रहने वाली फितरत के सामने है लाचार।

आज समय बड़ा नासाज़ सा है
अंदर से है बड़ा दुःखी

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23 FEB 2019 AT 18:24

थोड़ा दुखी सा है दिल,
उम्मीद की है कमी,
जज़्बा है पूरा,
हौसला है भरा,
थोड़ी नाराज़गी खुद से है,
थोड़ी ख़ुदा से,
थोड़ा दुखी सा है दिल।

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3 APR 2018 AT 9:04

क्या होगा?
कैसे होगा?
ये नहीं हुआ! तो क्या होगा?
वो हो गया! तो क्या होगा?

इन सवालों में, अपने ख़यालों में,
कई दफ़ा इतना उलझा हूँ;
की अब लगता है, दिमाग तो अपनी लड़ाई लड़ता हीं रहेगा।

छोड़ो सब, कुछ कर के देखते हैं,
जो होगा देख लेंगे।
जो होगा,
जैसे होगा,
ये नहीं हुआ तो, वो होगा,
वो हुआ तो वैसे हीं सही,

जैसे भी होगा, कुछ तो होगा,
जो होगा देख लेंगे।

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29 MAR 2018 AT 1:12

सब की अपनी लड़ाई है
कोई जूझ के खुश,
कोई उलझ के परेशान,

मिलना, बात करना अब पहले जैसा कहाँ
मन करता है तो वक़्त नहीं होता,
वक़्त होता है तो मन नहीं करता,
इस बात से हीं दिल को तस्सल्ली दे लेते है

सब की अपनी लड़ाई है
कोई जूझ के खुश,
कोई उलझ के परेशान।

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26 MAR 2018 AT 23:10

याद रखे जाने के लिए कौन लिखता है!

हम यो लिखते हैं कि,
थोड़ा ग़म छलक जाए,
थोड़ी रुमानियत सरक जाए,
इश्क़ जो अधूरा था वो बयान हो पाए,
वस्ल जो पूरा हुआ वो चार लोगों के बीच कहा जाए,

सुन कर, पढ़ कर
कोई
अंदर हीं अंदर रो जाए,
या मंद-मंद मुस्कुराये,

हम तो लिखते हैं कि बस,
जो हलक से बाहर ना आ पाई हो बात वो
कागज़ पर आ जाए।

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26 JAN 2018 AT 5:21

ख़ुदा आपको ऐसी मुस्कुराहट बक्शे की,

जब भी कोई आपको देखे, थोड़ा तरसे, थोड़ा जले,

की आखिर कोई कैसे, इतना शगुफ्ता, कैसे रह सकता है।

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25 JAN 2018 AT 0:01

तुम रुक नहीं सकती,
और मुझे जाना है।

आखिर हम दोनों एक हीं समय पे
दो जगहे कैसे रहे सकते हैं!

~जब उसने पूछा -
हम तो अभ भी आछे दोस्त रहे सकते हैं?

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