11 OCT 2017 AT 1:30

रुसवाई का सबक कुछ यूँ सीखा है
पत्थर से दिल लगा गुलाब सींचा है

'रहनुमा' कुछ नादाँ मालूम होता है

- साकेत गर्ग

- साकेत गर्ग ’सागा’