कुछ अहसास, कुछ जज़्बातकुछ बिखरे अल्फ़ाज़ लिखता हूँजो खो गया है तुम में, मुझ में कहींमैं वो खोये हुये अंदाज़ लिखता हूँ- साकेत गर्ग - साकेत गर्ग ’सागा’
कुछ अहसास, कुछ जज़्बातकुछ बिखरे अल्फ़ाज़ लिखता हूँजो खो गया है तुम में, मुझ में कहींमैं वो खोये हुये अंदाज़ लिखता हूँ- साकेत गर्ग
- साकेत गर्ग ’सागा’