yayaavar   (यायावर (Sahil))
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AWADH
Writer || poet
Joined 23 November 2016


AWADH
Writer || poet
Joined 23 November 2016
8 AUG 2023 AT 23:35

If you think you can make me fearful by showing thorn
Let me know you that I know how to adore thorn stems with flower.

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7 JUL 2023 AT 15:08

Be the all weather supporter
Encourage your partner
to work towards their dream.
Be the with them when,
world goes against him/her.
Let your stomach be his/her pillow
where he/she can crash
into and sleep in peace.
No point in highlighting your ego
It makes things awkward.
The sooner you realise your mistake,
say sorry, hug and show more love
Be patient and make your partner understand your thought’s.
People are emotional, they react sometimes
Write a note and leave it on WhatsApp,
It may be for praising something, or
Accepting mistake, or saying thank you
for their efforts towards you.
Let your partner share all fears, mistakes,
regrets and darkest of secrets with you
give your partner confidence and love,
Kiss suddenly on forehead.
It's the most inexpensive,
yet worthy thing you can do
Hug Heals every problem like magic
And adds more value, trust.
-यायावर(Sahil)

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25 JUN 2023 AT 16:44

Me,
Bcoz you want me to
explore every inch of your
lovely landscape.

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22 JUN 2023 AT 14:34

तो उँगलियाँ
कृष्ण की बाँसुरी हो जाती हैं
पाँव
समुद्र की जलधारा हो जाते हैं
आँखों की पुतलियाँ
अर्जुन का तीर हो जाती हैं
और मन
नालंदा विहार सा हो जाता है।

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22 JUN 2023 AT 14:12


किसी से प्रेम करना तो
उसके लिए लिखने का साहस ज़रूर करना।

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9 APR 2023 AT 21:01



कभी कभी लगता है अब नहीं होगा यार, कभी कभी लगता है नहीं यार इतना खुद को सम्भाला है तो थोड़ा और सही । कभी कभी बहुत डर लगता है,डर खुद से, डर घर से, घर वालों से, दोस्तों से, कभी कभी लगता है घर, घरवाले, दोस्त यही तो दुनिया और कुछ है ही कहाँ। कभी कभी साँसे थामने के जतन कर डालने का मन करता है तो फिर कभी ये लगता है कि साँसे ना होती तो भला इतनी दुनिया कैसे देख पाते। कभी लगता है सब कुछ खतम हो गया है फिर अगले पल लगता है शायद कुछ शुरू होना वाकी ही हो अभी और तुम कुछ जल्दी ही सब खतम मान गए तो फिर? कभी कभी लगता है यार बहुत ज़्यादा ग़लत कर चुके हैं फिर लगता है कोई बात नहीं उससे ज़्यादा ठीक कर लिया जाएगा सब ठीक हो जाएगा। कभी कभी लगता है अभी तो बहुत कुछ करना वाकी है फिर लगता है नहीं अभी बहुत हो गया। कभी कभी लगता है कि रिश्ते बहुत क़ीमती होते हैं,अपने बहुत ज़रूरी होते हैं फिर लगता है ये रिश्ते ये अपने यही तो जंजाल है।
हम अपना होना अगर मुकम्मल नहीं कर पा रहे तो फिर दुनिया में होना इतना ज़रूरी क्यों रहता है। कितने सारे लोग तो हैं क्या किसी के ना होने से दुनिया रुकी है कभी।

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4 APR 2023 AT 22:58

मैं टटोल रही हूँ देह को
तुमसे मिले स्नेह को
मुझमें तुम हो, तुममें मैं क्यों नहीं?
कोई सुलझाए इस प्रमेय को ॥

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4 FEB 2023 AT 0:14

भरोसा करती हो मुझ पर?
हाँ, तभी तो जब हमारे नन्हें से बच्चे को,
दुलारते हुए काँधे पर बैठा लेते हो,
कान पकड़ के उठा देते हो अपने बराबर
ये कहते हुए कि वो देखो नानी का घर,
तब न धक से होता है दिल में,
पर अगले पल ही दिल कह देता है, अरे तुम हो
संभाल ही लोगे, जैसे मुझे सम्भाल लेते हो
कोई और करके देखे उसे चिल्ला ही दूँगी उस पर, हूँ!
-साहिल

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31 JAN 2023 AT 18:08

सरल रात हो
हाँथ में लिखा हुआ हो तुम्हारा ख़त
जिसे पढ़ते हुए मैं तुम्हें सोचूँ
और सारी रात तुम्हारे नाम कर दूँ।

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3 JAN 2023 AT 20:56


दिसंबर तक तो ठीक था अकेले गुज़र किया कैसे भी
अब ये जनवरी साथ में ना गुज़रे तो ये बड़ा जुल्म होगा ॥
-साहिल

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