कान्हा जी   (कान्हा)
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Joined 29 March 2018


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30 SEP 2021 AT 6:45

तेरे हर दुख को बिन कहे जान लेता हूँ
तेरे आने की आहट को मैं पहचान लेता हूँ.....

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15 SEP 2021 AT 6:05

हिंदी है जन-जन की भाषा
विचारों को समझने की आशा
सबको यह मेल कराती
दिल की छुपी बात बताती
कवियों की कविता में शामिल
लेखक की यह है क़ामिल
नेताओ के भाषण में आए
सियासत का यह रंग चढाएं
फिल्मों में यह गीत सुनाती
उत्तर भारत में यह बोली जाती
संस्कृति संस्कार यही है
हिंदुस्तान का सार यही है

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13 SEP 2021 AT 7:01


गुजरता हूँ तेरे सामने से तो रूह से खुशबु आती है
तेरी आँखों की पलके नया राज खोल जाती है
जिस्मो की मोहब्बत न कि हमने दिल से दिल लगाया है
इस जन्म में ही नहीं हमने हर जन्म में अपना पाया है
माना कि तू है राजकुमारी अपने घर की
मैने भी तुझे ख़याबो में रानी बनाया है
तेरा मैं ये अहसान कहु या कहु तेरी दारियादिली
तूने मुझ जैसे क़ाफ़िर से रिश्ता निभाया है।
जरता हूँ तेरे सामने से तो रूह से खुशबु आती है
तेरी आँखों की पलके नया राज खोल जाती है

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12 SEP 2021 AT 7:40

दौलत पर नजर रखता है
शोहरत पर नज़र रखता है
चंद ख्वाहिशों की ख़ातिर
इंसान मौत तक सफऱ करता है....

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