भोली सी सूरत हैं, ममता की मूरत हैं|
हृदय में भरी करुणा अपार, श्री चरणों में नमन हैं बारंबार|
असुरों का संहार किया, ऋषियों का उद्धार किया|
भुजाओं में बल हैं अपरंपार, श्री चरणों में नमन हैं बारंबार|
दैत्य सारे थरथराते, महाकाली रुप बड़ा विशाल|
तीनों लोक कंपाती ऐसी हैं हूंकार, श्री चरणों में नमन हैं बारंबार|
दर पे जो कोई आता हैं, बिन मांगे सब कुछ पाता हैं|
अनंत हैं दया का भंडार, श्री चरणों में नमन हैं बारंबार|
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