Rupesh Sharma   (Desi लेखक)
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Joined 25 May 2020


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4 AUG 2022 AT 20:59

थोड़े ख्वाब थोड़ी ख्वाइश
इन सब में ही मेरी दुनिया कुछ यूं है

सोचता हूं के इतना खुश क्यों हूं मैं
शायद इसकी वजह ""तू"" है

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31 JUL 2022 AT 20:43

एक तरफा करलो मुहब्बत मेरे यार

दो तरफा में अक्सर धोखेबाजी ही मिलती है

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30 JUL 2022 AT 22:24

मोहब्बत एक ऐसा जाल है
जिसमे शुरू में निशानियां देते है जिसे संभाल कर रखा जाता है

और बाद में निशान रह जाते है जिसे हर कोई मिटाना चाहता है

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28 JUL 2022 AT 20:22

वो धोखेबाजी कर गए
कुछ यूं मुस्कुरा के

हम मौन से देखते रह गए
अपने आसूं छुपा के

ये मंजर याद रह जाएगा
ताउम्र मुझे ए मुर्शाद

उसने कर दी बेवफाई
मुझे बेवफा बता के

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26 JUL 2022 AT 21:56

Badal doon main apni kismat
jo mere hathon me likhi hai

Par usko bhi yaar mere
ye hunar aana chahiy

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19 JUL 2022 AT 21:27

Kuch to khayal unko bhi aaya hoga murshaad

Yuhi nahi wo khafa ho gaye the

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16 JUL 2022 AT 19:44

उनकी वफ़ा की कसमें
सारी झूठी निकलीं है मुरशाद


हम ही दीवाने थे जो
सच मान बैठे थे



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15 JUL 2022 AT 21:16

बदनसीबी है उनकी जो हम उनके ना हुए


खुशनसीब हैं हम जो वो हमारे नहीं है

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14 JUL 2022 AT 22:37

हम कहते हैं सच तो कोई मानता नहीं

वो मुस्कुरा के कहदें झूठ तो वो भी
रब की जबां हो जाती है

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6 JUL 2022 AT 19:05

हमारी अच्छाइयों से भी उन्हें हो रही थी दिक्कतें

हमें तो उनकी खामियों से भी मोहब्बत थी

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