ये क़लम मुझे बेहतर समझती है|खुद-ब-खुद ही लिखने लगती है|बस ज़रासी छूने की कोशिश और,जज़्बातों को क्या बखूबी उतारती है| - Dr. Rupali
ये क़लम मुझे बेहतर समझती है|खुद-ब-खुद ही लिखने लगती है|बस ज़रासी छूने की कोशिश और,जज़्बातों को क्या बखूबी उतारती है|
- Dr. Rupali