21 AUG 2017 AT 0:55

ज़िन्दगी की कहानी
शब्दों में बयां करता हूँ
बहुत बुरा करता हूँ।
लिखने के लिए पेन की जगह
एहसास का इस्तेमाल करता हूँ
बहुत बुरा करता हूँ।
किताबों के आखिरी पन्नों पर
आज भी उसका नाम लिखता हूँ
बहुत बुरा करता हूँ।
अपनी बातों में कम
ख़यालों में उसका ज़िक्र ज्यादा करता हूँ
बहुत बुरा करता हूँ।
बड़े बड़े सवालों का
छोटा सा जवाब लिखता हूँ
बहुत बुरा करता हूँ।
जेब में आज भी
उसकी तस्वीर संभाल कर रखता हूँ
बहुत बुरा करता हूँ।
ज़िंदा रहने के लिए
रोज किश्तों में मरता हूँ
बहुत बुरा करता हूँ ।

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