25 MAR 2018 AT 6:19

क्या सुनाऊं मैं आपको किसी भी !

नग़मे की धुन याद नहीं !!

दिल में दर्द तो ज़रूर है , लेकिन !

गले में आवाज़ नहीं !!

मेरी दास्तॉ की फ़ितरत तो देखिए !

अँजाम तो है पर आगाज़ नहीं !!

- दर्पन कानपुरी