फूल जैसा दिल और पत्थर जैसे हालात लिए ।सहेली कैसे जिएगी तू उम्र से लम्बी रात लिए ।। -
फूल जैसा दिल और पत्थर जैसे हालात लिए ।सहेली कैसे जिएगी तू उम्र से लम्बी रात लिए ।।
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तेरा हुस्न ही कुछ इस कदर पुरसुकून है ।कि हमें भी पागल होने का अब जुनून है ।। -
तेरा हुस्न ही कुछ इस कदर पुरसुकून है ।कि हमें भी पागल होने का अब जुनून है ।।
ध्यान से देते हो पंछियों को दाना पानी ।इतने अच्छे हो तो पिंजरे से रिहा कर दो ना ।।रचयिता - अज्ञातप्रस्तुतकर्ता - -
ध्यान से देते हो पंछियों को दाना पानी ।इतने अच्छे हो तो पिंजरे से रिहा कर दो ना ।।रचयिता - अज्ञातप्रस्तुतकर्ता -
पत्नी :- सुनो जी , क्या कोई औरत किसी आदमी को लखपति बना सकती है । पति :- हाॅं बना सकती है , बस आदमी करोड़पति होना चाहिए । प्रस्तुतकर्ता - -
पत्नी :- सुनो जी , क्या कोई औरत किसी आदमी को लखपति बना सकती है । पति :- हाॅं बना सकती है , बस आदमी करोड़पति होना चाहिए । प्रस्तुतकर्ता -
तू जीवन का रूप सम्यक् अन्तर्मन की अभिलाषा ।रूप तेरा ऐसे कि जैसे काव्य की स्वयं परिभाषा ।। -
तू जीवन का रूप सम्यक् अन्तर्मन की अभिलाषा ।रूप तेरा ऐसे कि जैसे काव्य की स्वयं परिभाषा ।।
देख कुछ अदा से मुझे दीवाना बना दे !अभी ये ज़िन्दगी है इसे फ़साना बना दे !! -
देख कुछ अदा से मुझे दीवाना बना दे !अभी ये ज़िन्दगी है इसे फ़साना बना दे !!
सितम खुद पे कितना ज़्यादा कर रहे हैं !मेरे ऑसू मुस्कराने का वादा कर रहे हैं !!बेरहमी से बरस बरस के तमाम बादल !मेरे ज़ख्मों को आज ताज़ा कर रहे हैं !!बड़े जोश से राह ए इश्क पे चले तो थे !अब इश्क के नाम से तौबा कर रहे हैं !!व़फ़ा के वादे को तो वो व़फ़ा समझते हैं !बिन वफ़ा किए वफ़ा का दावा कर रहे हैं !! -
सितम खुद पे कितना ज़्यादा कर रहे हैं !मेरे ऑसू मुस्कराने का वादा कर रहे हैं !!बेरहमी से बरस बरस के तमाम बादल !मेरे ज़ख्मों को आज ताज़ा कर रहे हैं !!बड़े जोश से राह ए इश्क पे चले तो थे !अब इश्क के नाम से तौबा कर रहे हैं !!व़फ़ा के वादे को तो वो व़फ़ा समझते हैं !बिन वफ़ा किए वफ़ा का दावा कर रहे हैं !!
कश्मीर फ़ाइल्स के प्रीमियर शो में बालीवुड से रणधीर कपूर के अतिरिक्त और कोई नहीं आया......कश्मीर फ़ाइल्स के साथ ऐसा व्यवहार करने वाले बालीवुड का कृपया पूर्ण बहिष्कार करें....... -
कश्मीर फ़ाइल्स के प्रीमियर शो में बालीवुड से रणधीर कपूर के अतिरिक्त और कोई नहीं आया......कश्मीर फ़ाइल्स के साथ ऐसा व्यवहार करने वाले बालीवुड का कृपया पूर्ण बहिष्कार करें.......
बजा कहे जिसे आलम उसे बजा समझो !ज़बान-ए-ख़ल्क़ को नक़्क़ारा-ए-ख़ुदा समझो !!रचयिता - शेख इब्राहीम ज़ौक़ -
बजा कहे जिसे आलम उसे बजा समझो !ज़बान-ए-ख़ल्क़ को नक़्क़ारा-ए-ख़ुदा समझो !!रचयिता - शेख इब्राहीम ज़ौक़
मर्ज ए इश्क की कहां शिफ़ा होती है !नया दर्द ही पुराने दर्द की दवा होती है !! -
मर्ज ए इश्क की कहां शिफ़ा होती है !नया दर्द ही पुराने दर्द की दवा होती है !!