साँसों से साँसों को मिलाओ तो सही
प्यार क्या है हमें बताओ तो सही
यूं लबो को तुम दूर क्यूँ ले जाते हो
कभी लबो से लबो को मिलाओ तो सही
हां इन नशीली आंखो को तुम छुपाती बहुत हो
कभी इससे हमें दुनिया दिखाओ तो सही
दिल क्या है साई ये जां भी तुम्हे देगे
कभी पास हमारे आओ तो सही...
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- ऋषभ चोलकर