27 JUN 2017 AT 10:26

एक स्त्री उस कमल के सामान है जो समाज रूपी कीचड़ के बीच होते हुए भी पवित्र होती है तुम लाख उस पर कीचड़ उछालो हाथ तुम्हारे ही गन्दे होंगे कमल की पवित्रता कायम रहेगी..😊

- रूपम बाजपेयी "रूप" Writer Sahiba