दिल करता है कि कुछ पल रुक जाऊँ, बेमतलब ज़रा भटक जाऊँ, एक अर्सा हो गया ख़ुद से मिले हुए. बादलों में कुछ आकार ढूंढ लूँ, एक मुट्ठी फूलों की खुशबू चूरा लूँ, एक अर्सा हुआ ये बेतुकी चोरियां किए हुए. - कुछ टुकड़े जिंदगी
दिल करता है कि कुछ पल रुक जाऊँ, बेमतलब ज़रा भटक जाऊँ, एक अर्सा हो गया ख़ुद से मिले हुए. बादलों में कुछ आकार ढूंढ लूँ, एक मुट्ठी फूलों की खुशबू चूरा लूँ, एक अर्सा हुआ ये बेतुकी चोरियां किए हुए.
- कुछ टुकड़े जिंदगी