तुमसे ख़ूबसूरती का मुक़ाबला ना कर पाएइसीलिए हमने चाँद को भी अपने पहरे में क़ैद रखा है।ये ऐसी है मोहब्बत हमारीतुमने समझ क्या रखा है? - Shayar-e-udgir
तुमसे ख़ूबसूरती का मुक़ाबला ना कर पाएइसीलिए हमने चाँद को भी अपने पहरे में क़ैद रखा है।ये ऐसी है मोहब्बत हमारीतुमने समझ क्या रखा है?
- Shayar-e-udgir