22 JUN 2018 AT 1:21

तुमसे ख़ूबसूरती का मुक़ाबला ना कर पाए
इसीलिए हमने चाँद को भी अपने पहरे में क़ैद रखा है।

ये ऐसी है मोहब्बत हमारी
तुमने समझ क्या रखा है?

- Shayar-e-udgir