तेरे चेहरे की हँसी को,महसूस करता हूँ आज भी,मुझे क्या पता था मुझसे बिछड़ कर,तुम और भी खुश रहने लगोगे...! - उन्मुक्त स्याही "SaaR"
तेरे चेहरे की हँसी को,महसूस करता हूँ आज भी,मुझे क्या पता था मुझसे बिछड़ कर,तुम और भी खुश रहने लगोगे...!
- उन्मुक्त स्याही "SaaR"