12 JAN 2018 AT 7:03

शुक्रिया दिलबर नासूर ज़ख्म देने के लिए,
बस अब थोड़ी सी मोहब्बत भी दे दो, दर्द सहने के लिए....!

- उन्मुक्त स्याही "SaaR"