16 AUG 2017 AT 20:52

ना समझ बोझ खुद को बहन,
तू खुद में एक दुनिया हैं,
जो कर न सके कोई मर्द इस दुनिया में,
तू वही एक कारनामा हैं

- उन्मुक्त स्याही "SaaR"