17 AUG 2017 AT 22:26

मेरे दर्द को किसी शायर का ख्वाब न समझ ए दोस्त,
ये दिल के घाव है जो लफ़्ज़ों में लिखता हूँ.......!

- उन्मुक्त स्याही "SaaR"