मेरे दर्द को किसी शायर का ख्वाब न समझ ए दोस्त,ये दिल के घाव है जो लफ़्ज़ों में लिखता हूँ.......! - उन्मुक्त स्याही "SaaR"
मेरे दर्द को किसी शायर का ख्वाब न समझ ए दोस्त,ये दिल के घाव है जो लफ़्ज़ों में लिखता हूँ.......!
- उन्मुक्त स्याही "SaaR"