8 AUG 2017 AT 16:26

खंजर से किये हुए क़त्ल तो, एक बार ही दम निकलता हैं,
जो क़त्ल निगाहों से किये जाए, मज़ा तो उनमें आता हैं....!

- उन्मुक्त स्याही "SaaR"