खंजर से किये हुए क़त्ल तो, एक बार ही दम निकलता हैं,जो क़त्ल निगाहों से किये जाए, मज़ा तो उनमें आता हैं....! - उन्मुक्त स्याही "SaaR"
खंजर से किये हुए क़त्ल तो, एक बार ही दम निकलता हैं,जो क़त्ल निगाहों से किये जाए, मज़ा तो उनमें आता हैं....!
- उन्मुक्त स्याही "SaaR"